Wednesday, October 12, 2011

कविता - गुलाब

 गुलाब 
काँटों  में खिलते हैं लाल गुलाब ,
खुशबू है जिसके अन्दर वह है गुलाब |
गुलाब गुलाबी और होते हैं सफ़ेद , 
जब महके तो खोले सबके भेद | 
गुलाब के रंगों की जब होती है बौछार ,
उसकी महक से बढ़ता प्यार  ही प्यार |
काँटों  में खिलते हैं लाल गुलाब ,
खुशबू है जिसके अन्दर वह है गुलाब |


नाम : संगीता देवी 
कक्षा : 2th  
सेंटर : अपना स्कूल धामीखेड़ा
            कानपुर | 



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