Monday, January 20, 2014

प्रवासी मजदूरों का बंधुआ मजदूरी से मुक्ति का आगाज

अपना स्कूल टीम के लगातार प्रयास के द्वारा वर्षों से बंधुआ मजदूरी कर रहे प्रवासी मजदूरों को बंधुआ मजदूरी से मुक्ति कि शुरुआत -

नगदी में इस वर्ष वी.आई.पी. भट्टा सरसौल में काम करने आने वाले 9 मजदूरों के नाम 
  1. राजू      - मौदहा 
  2. वरदानी -मौदहा 
  3. गोवर्धन -मौदहा 
  4. भारती  -हमीरपुर 
  5. सुभाष  -हमीरपुर 
  6. दौलतराम-हमीरपुर 
  7. आरती  -हमीरपुर 
  8. कुसुमकली-मौदहा
  9. सुमन  -मौदहा 
ये सभी मजदूर मौदहा हमीरपुर ,उत्तर प्रदेश के रहने वाले है पिछले 10 वर्षों से भट्टो पर काम करने आ रहे है परन्तु हमेशा ठेकेदार के द्वारा बंधुआ मजदूरी पर काम करने आते रहे है। ये पहली बार है ,जब ये मजदूर अपना स्कूल टीम के द्वारा जागरूक करने के बाद नगदी में काम करने आये है।
अपना स्कूल के लगातार प्रयास के बाद वी.आई.पी. भट्टा सरसौल में 9 मजदूर ठेकेदार के द्वारा न आकर स्वत: भट्टे पर काम करने आये है। ये मजदूर पिछले वर्ष टिकरा कल्याणपुर कि तरफ मुरारी भट्टे  पर थे। अपना स्कूल टीम के द्वारा जागरूक करने पर इन लोगों ने ठेकेदार से अग्रिम पैसा नहीं लिया तथा जो चार माह गाँव में रहकर खर्च चलाना होता है उसकी किसी तरह से व्यवस्था कि। क्योंकि यदि ठेकेदार से एडवांस पैसा लेते है तो पथाई में 400 रु प्रति हजार मिलता है और अगर स्वत: आते है तो इन्हे 525 रु प्रति हजार कि दर से मिलता है। और एक परिवार लगभग 3 लाख के आस पास ईंट पथाई कर लेता है। 
इस प्रकार प्रति हजार 125 / रु अंतर आया ,यदि यही अंतर पूरे ईंट पर जोड़ा जाये तो लगभग 35000 होता है जो कि इनकी कमाई का यही पैसा ठेकेदार को कमीशन के रूप में जाता है। लेकिन स्वत: आने पर इस वर्ष इनका यह पैसा बचेगा। जिससे उनके परिवार कि आर्थिक स्थिति में परिवर्तन आएगा। 

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